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Saturday, June 18, 2011

राहुल बाबा तुम कहां हो???

राहुल गांधी इन दिनों नजर नहीं आ रहे हैं। पता नहीं कहां चले गए। गरीबों और कमजोरों पर अत्याचार हो रहा है, लेकिन राहुल बाबा के कानों तक उनकी आवाज शायद नहीं पहुंच रही है। जब भट्टा-पारसौल में यूपी पुलिस ने लोगों के साथ अत्याचार किया था, तो झट से राहुल बाबा लोगों से मिलने गांव चले गए। उनके साथ चौपाल पर अनशन किया। गांव में धारा 144 का जमकर विरोध किया। यूपी सरकार से पूछा कि धारा 144 क्यों लगाया।वहीं जब रामलीला मैदान में अहिंसात्मक आंदोलन और सत्याग्रह कर रहे लोगों पर लाठियां बरसाई गईं। लोगों के हाथ-पांव तोड़ा दिए गए। सो रहे लोगों पर गोलियां बरसाई गईं। तब हमारे राहुल बाबा कहां थे? जब एक वृद्ध लाठी की मार खाने के बाद अस्पताल में दम तोड़ रही थी तब राहुल...

Friday, June 3, 2011

आम आदमी की यह अजब दास्तान

मैंने तो सोचा था कि आम आदमी वह है, जो पैसों की गर्मी से फैलता और कमी से सिकुड़ता है। जो महंगाई की आहट से कांप जाता है। आम आदमी तो दुखों का ढेर है। अभावों का दलदल है। मुकम्मल बयान है, चेहरे पर दर्द का गहरा निशान है। तभी एक बात सोचकर मुस्करा दिया। किसी ने कहा था: फलों का राजा आम होता है। धत्, भला राजा भी कहीं ‘आम’ हो सकता है!उस दिन भी रोज की तरह बगीचे में टहल रहा था। मन में अजब बेचैनी थी। तरह-तरह के ख्याल आ रहे थे। तभी मेरी नजर एक पके आम पर पड़ी। आम को देखते ही जाने क्यों आम आदमी का ख्याल आ गया। भाषण, लेख, हिदायतों और नसीहतों के बीच बचपन से ही आम आदमी के बारे में सुनता आ रहा हूं।लगा कि भले बदलाव की तेज आंधी ही क्यूं न चले, पर आम आदमी के हाथ न...
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