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Thursday, October 6, 2011

एक लड़की के 'दर्द' की दर्दनाक कहानी, सुन आंखे छलक जाएंगी आपकी!


दर्द जब बेदर्द बन जाता है तो इंसान जीने की चाह छोड़ देता है। कोई शख्स कितना भी हिम्मती क्यों ना हो, लेकिन असहनीय दर्द को सहने की बजाय मौत को गले लगाना उचित समझता है। कुछ ऐसा ही हाल है कानपुर की रहने वाली अलका का। एप्लास्टी एनीमिया नामक बीमारी से पीड़ित 21 साल की एक अलका ने कोर्ट से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है।

उनका कहना है कि सरकार या तो उसका इलाज कराने में मदद करे या फिर उसे इच्छा मृत्यु की इजाजत दे दी जाये। कानपुर शहर के पहाड़ी लाइन में झुग्गी में रहने वाली अलका नौ साल से एप्लास्टी एनीमिया से पीड़ित है। उसके पिता की मौत 1998 में हो चुकी थी। घर पर उनकी बूढ़ी मां सूरजमुखी और एक भाई ब्रज बिहारी रहते हैं। भाई ट्यूशन पढ़ाकर घर का खर्च चलाता है। ऐसे में इतनी खतरनाक और महंगे इलाज की दरकार रखने वाली बीमारी के इलाज के लिए उनके पास धन नहीं है।

भयंकर दर्द से कराहने वाली अलका का इलाज पहले कानपुर के उर्सला और हैलट अस्पताल में हुआ। कोई फायदा न होने पर यहां के डॉक्टरों ने उसका ब्लड टेस्ट कराया तो उसे ब्लड कैंसर की पुष्टि हो गयी। तब डाक्टरों ने उसे मुंबई जाने की सलाह दी। परिवार अपने खेत आदि बेचकर मुंबई गया लेकिन वहां के महंगे इलाज से परेशान हो कर लौट आया। जून 2011 में अलका के मुंह से खून आने पर शहर के डाक्टरों ने उसे तुरंत वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कालेज जाने को कहा। वेल्लोर जाने पर डाक्टरों ने उसकी जांच कर बताया कि इसका इलाज केवल बोन मैरो ट्रांसप्लांट है। इस इलाज के लिए 20 लाख रूपये का खर्च होना है।

परिवार इतनी रकम कहां से जुटा पाएगा, यह सोचते हुए अलका ने अदालत से गुहार लगायी गई है कि सरकार इलाज के लिए पर्याप्त रकम दे या उन्हे इच्छा मृत्यु दे दी जाये। अब उसका दर्द असहनीय हो गया है। हालत दिन पर दिन ब दिन खराब होती जा रही है। जल्द इलाज न कराया गया तो दर्द से झटपटाती यह लड़की मर जाएगी।

अलका तिवारी की हालत बिगड़ने पर पीजीआई अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। वहीं कानपुर से सांसद श्रीप्रकाश जायसवाल ने उसे दिल्ली के एम्स में भर्ती कराने के प्रयास शुरु कर दिये हैं। बसपा के राज्यसभा सांसद गंगाचरण राजपूत इलाज के लिये सांसद निधि से 20 लाख रूपये दिलाने का वायदा किया है।


सूचना साभार dainikbhaskar.com

4 comments:

SURESH AGARWAL said...

ALKA JI NE TO APNA DARD MEDIA KE DWARA JANTA KO BATA DIA PARANTU KITNE MAJBOOR AISI BIMARION SE GARAST HOKAR, TADAFTE HUE PRAN TYAG DETE HAIN, KYA KABHI AISA HOGA KI PRITEYEK VYAKTI NYAY YUKT JINDGI JEE PAEGA.

Pallavi saxena said...

आपकी इस पोस्ट से जुड़ी यह दर्द की कहानी मैंने दैनिक भस्कार में पढ़ी थी। सच है सरकार को ऐसे मामलों में गरीब इन्सानो की मड़ाड़ ज़रूर करनी चाहिए। क्या पता शायद इस बहाने भ्रष्टाचारियों से बनी सरकार के कुछ भ्रष्ट लोगों का थोड़ा बहुत उधार ही हो जाए।
समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागता है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/

Ranjeet Singh Meel Palri said...

आपकी इस पोस्ट से जुड़ी यह दर्द की कहानी मैंने दैनिक भस्कार में पढ़ी थी। सच है सरकार को ऐसे मामलों में गरीब इन्सानो की मदद करनी चाहिए क्‍या पता भ्रष्‍टाचारियों को उनके भ्रष्‍ट कामों के लिए शायद भगवान माफ कर दे और किसी का भला हो जाये एक लड्की की सहायता करना दो घरों को आपस में बांधना होता है सहायता करें सकारात्‍मक सोच के साथ और पुण्‍य के भागी बनें जागो सरकारी तन्‍तर गरीबों का आसशियाना बनों

RAJENDRA LAMROR said...

http://www.PaisaLive.com/register.asp?4306173-8395348

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