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Thursday, November 15, 2012

विरोध की बिसात पर फहराया राजनीतिक परचम


मराठियों के 'नायक' तो उत्तरभारतीयों के लिए 'खलनायक' रहे हैं ठाकरे बंधु।

राजनीति के शेर बाल ठाकरे शनिवार दोपहर 3:30 बजे सदा के लिए शांत हो गए। चमत्कार की आस लगाए मातोश्री के बाहर खड़े लाखों शिवसैनिकों का भरोसा टूट गया। 86 साल के ठाकरे 14 नवंबर से ही बेहोशी की हालत में थे। सेहत सुधर रही थी, लेकिन दिल के दौरे ने सारी उम्मीदें तोड़ दी। रविवार को उनका अंतिम संस्कार हुआ है।  अपने कैरियर की शुरुआत एक कार्टूनिस्ट के रूप में करने वाले ठाकरे को उत्तर भारतीयों के खिलाफ घृणा और विरोध के लिए याद किया जाता है। उनका संपूर्ण राजनीतिक कैरियर हिन्दू और मराठी के इर्द-गिर्द घूमता रहा है।

उनकी राजनीतिक विचारधारा उपने पिता केशव सीताराम ठाकरे से काफी प्रभावित थी। भाषा के आधार पर महाराष्ट्र को एक अलग राज्य बनाने वाले आन्दोलन 'संयुक्त महाराष्ट्र मूवमेंट' के वह अग्रणी नेता थे। उन्होंने महाराष्ट्र में गुजरातियों, मारवाड़ियों और उत्तर भारतीयों के बढ़ते प्रभाव के खिलाफ आन्दोलन चलाया था। 1966 में बाल ठाकरे ने 'शिवसेना' के नाम से राजनीतिक दल का गठन किया। अपनी विचारधारा को लोगों तक पहुँचाने के लिए उन्होंने 1989 में 'सामना' नामक अखबार की शुरुआत की।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए शिवसेना मुंबई में रह रहे उत्तर भारतीयों को निशाना बनाती रही है। शिव सेना प्रमुख बाल ठाकरे ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में लिखा था कि मुंबई पर पहला हक मराठियों का है। उनके भतीजे राज ठाकरे भी मुंबई की सड़कों पर उत्तर भारतीय टैक्सी चालकों के खिलाफ काफी हल्ला बोल कर चुके हैं। यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि ठाकरे परिवार की राजनीतिक रोटी उत्तरभारतीयों मुद्दों की गरमाहट पर सिंकती रही है।

ठाकरे, विवाद और बयान


यूपी की मुख्यमंत्री मायावती द्वारा अपने राज्य को चार भागों में बांटने की घोषणा के बाद शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने धमकी भरे लहजे में कहा था कि यूपी के चाहे जितने भी टुकड़ करो, परंतु महाराष्ट्र अखंड रहेगा। उन्होंने पार्टी के मुखपत्र में लिखा था कि यूपी में भले ही मायावती ने गाय मारी हो, मगर हम महाराष्ट्र में विदर्भ रूपी बछड़े को नहीं मारने देंगे। महाराष्ट्र में भी खुछ लोगों ने दिन में ही राज्य का टुकड़ा कर स्वतंत्र विदर्भ बनाने का सपना देखना शुरू कर दिया होगा। मगर ऐसे सपने देखने वालों के मुंह पर शिवसैनिक और जनता जोरदार तमाचा जड़े बिना नहीं रहेंगे।

बाल ठाकरे के भतीजे महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने आज एक बार फिर उत्तर भारतीयों को निशाना बनाते हुए कहा था कि मुंबई में आपराधिक वारदातों के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के मजदूर जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा था कि मुंबई में हो रहे अपराधों के लिए बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड से यहां आने वाले मजदूर जिम्मेदार हैं।

उनके बेटे उद्धव ठाकरे ने मुंबई में रहने वाले बिहार के लोगों के लिए 'परमिट सिस्टम' लागू करने की मांग उठाई थी। उनका कहना था कि महाराष्ट्र में क्राइम कर बिहार जाने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मुंबई पुलिस को अगर बिहार सरकार की परमिशन की जरूरत है तो हमें भी बिहारियों के लिए मुंबई में 'परमिट सिस्टम' लागू करना चाहिए।

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