
ट्रेन अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी। खचाखच भरे हुए उस डिब्बे के एक कोने में किसी तरह जगह मिल सकी थी। मेरे सामने बैठे एक सज्जन अपने बगल में बैठे दूसरे सज्जन से लगभग चीखते हुए बोल रहे थे- 'अरे मेरा भतीजा पत्रकार बनना चाहता है। इसके लिए उससे 1500 रुपए बतौर सिक्युरिटी मांगा जा रहा है।' दूसरे सज्जन ने बड़े उत्सुकता से पूछा- 'पत्रकार बनने से क्या फायदा है?'
पहले सज्जन सचेत हुए फिर गर्व से बोले- ''आपको पता नहीं! पत्रकार बनने वाले को सिक्युरिटी देने के बाद एक परिचय पत्र मिलता है। इसे दिखाकर किसी भी अफसर से यह पूछा जा सकता है कि अमुक काम क्यों, कैसे और कब हुआ और क्यों नहीं हुआ? टिकट के लिए कतार में नहीं लगना होता, कभी-कभी तो यात्रा करने के लिए टिकट...