विधायक निर्धारित स्थल से हटकर बगल में उससे बातचीत करने लगे। इतने में उसने अपनी शॉल में छुपा चाकू निकाल कर विधायक के पेट पर वार कर दिया। चाकू लगते ही विधायक जमीन पर गिर गये। इस मंजर को देख वहां के लोगों के होश फाख्ता हो गए। जब तक लोग कुछ समझ पाते तब तक केशरी के प्राण पखेरू उड़ चुके थे।
इस घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने रूपम की जमकर पिटाई की। इस पिटाई में घायल उसे कटिहार मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां उसकी स्थिति नाजुक बनी रही। कई बार तो उसके मरने की खबर भी उड़ी। होश में आने के बाद रूपम ने कहा कि उसने जो किया है, वो सही किया है। उसे पछतावा नहीं है। पर वह अब जीना नहीं चाहती है। उसे भी मार दिया जाय। पुलिस ने रुपम को गिरफ्तार कर लिया। उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत मिली है।
रूपम चीख-चीख कर कह रही थी कि विधायक उसका रेप करता रहा है। केवल वह ही नहीं उसके गुर्गे ने भी उसका रेप किया है। इनका मन उससे नहीं भरा तो अब उसकी 17 साल की बेटी की मांग कर रहे थे। उसकी बेटी का भी रेप करना चाहते थे। जब रूपम ने मना किया, तो उसे फोन पर धमकियां देने लगे। परिवार को सारी बात बता देने का डर दिखा कर स्कूल में जाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया करते थे। पर जब बात बेटी पर आ गई तो मां ने चंडी का रूप धारण कर लिया।
यह घटना पूरे देश में आग की तरह फैल गई। चूंकि मामला सियासत से जुड़ा था, इसलिए राजनीति होनी तय थी। इस घटना के तुरंत बाद सूब के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने विधायक पर रेप का आरोप लगाने वाली रुपम को ब्लैकमेलर कहा। उन्होंने कहा कि उसने पूर्णिया के एक अंग्रेजी अखबार लिंक एक्सप्रेस में खबर प्रकाशित करवा कर और इसके आधार पर 2007 की तथाकथित घटना के तीन साल बाद विधायक पर यौन शोषण का झूठा आरोप लगाया। फिर 14 जून 2010 को रुपम ने शपथपत्र दायर कर कहा कि किसी के बहकावे में आ कर उसने विधायक श्री केशरी के खिलाफ बलात्कार का केस दर्ज किया है। विधायक और उसके पीए विपिन राय से उसका किसी तरह का विवाद नहीं है।
मोदी के बयान के बाद पूरा बिहार रूपम के पक्ष मे आ गया। मोदी के इस्तीफे की मांग की जाने लगी। महिला संगठन लामबंद हो गई। सभी ने एक सुर में सीबीआई जांच की मांग की। आखिरकार मामले की गंभीरता और लोगों की मांग को देखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई जांच की केंद्र से अनुशंसा कर दी। अब सीबीआई इस केस की जांच करेगी।
मामले का फ्लैश बैक
रूपम के साथ विधायक का मन भर गया था। रूपम की 17 साल की बेटी पर उसकी नजर लग गई थी। कुछ दिन पहले ही विधायक ने अपनी ईच्छा जाहिर की थी। रूपम नाराज हो गई। विधायक को सख्त लहजे में मना किया। केशरी मानने वाला कहां था, इस जबरन कोशिश से रूपम नाराज हो गईं।
उसने 28 मई 2010 को यौन शोषण का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने कांड संख्या 182/10 में विधायक राज किशोर केसरी एवं उनके एक सहयोगी विपिन राय को आरोपी बनाया था। इस घटना ने बिहार और पूर्णिया की राजनीति में हलचल मचा दी। मामले को सलटाने के लिए दोनों पक्षों के बीच सुलह कराई गई। उस समय मामला शांत हो गया। रूपम ने केस वापस ले लिया।
रिपोर्ट के मुताबिक, 31 दिसंबर की रात विधायक अपने गुर्गों के साथ न्यू ईयर की पार्टी मना रहा था। वह रूपम के घर पहुंच कर उससे जबर्दस्ती करने लगे। इस घटना से रूपम आपे से बाहर हो गई। बात अब बेटी की भी आन पर आ गई थी। उसने विधायक को सबक सिखाने की सोची। वह एक जनवरी को ही विधायक जी के आवास पर पहुंचीं, पर भारी भीड़ के कारण मौका नहीं मिल पाया। वह वापस लौट आईं। पर 4 जनवरी के सुबह 9.30 को उसे मौका मिल गया। और उसने विधायक का चाकू घोपकर मर्डर कर दिया।
मर्डर के बाद रूपम का परिवार
इस मर्डर के बाद रूपम के घर की स्थिति दयनीय हो गई है। पुलिस और प्रशासन के प्रेशर के कारण रूपम का परिवार भटक रहा है। सूत्रों की माने तो उसके घर पर पुलिस ने कब्जा कर रखा है। स्कूल में ताला जड़ दिया गया है। रूपम की मां को प्रताड़ित किया जा रहा है। इस भयंकर ठंड में एक वृद्ध भटकने के लिए मजबूर है। वह चाह कर भी अपनी बेटी से नहीं मिल पा रही है। उसे अपनी बेटी के किए पर पछतावा नहीं है। मां कहती है कि यदि विपिन मेरे सामने आ जाए तो उसका खून पी जाएंगी। विधायक और उसके गुर्गों ने उनकी बेटी का जीवन नरक बना दिया था।
मर्डर के बाद विधायक राजकिशोर केशरी का परिवार
लोगों की माने विधायक को तो अपने किए की सजा मिल चुकी है। पर उनका परिवार तड़प रहा है। वह अपने पीछे भरे-पूरे परिवार के साथ पत्नी और बेटा छोड़ गए हैं। जहां पहले हमेशा चहल-पहल रहा करती थी। जनता का दरबार लगा करता था। विधायक फैसले सुनाया करते थे। आज वहां अगर कुछ है तो सिर्फ सन्नाटा। हर ओर मातम और मायूसी। कोई किसी से बात तक करने की स्थिति में नहीं। जहां लोगों का मेला लगा करता था, आज वहां मातम है। यहां ऐसी स्थिति हो जाएगी, इसकी तो किसी ने कल्पना तक नहीं की थी। पर, होनी को कुछ और ही मंज़ूर था। विधायक राजकिशोर केशरी के मधुबनी टोला स्थित घर पर ख़ामोशी है। परिजन और परिचित आ जरुर रहे हैं, लेकिन मुंह पर चुप्पी साधे। घर के परिसर में श्राद्ध के लिए पंडाल लगभग बन कर तैयार हो गया है। वहीं पर एक टेबल पर विधायक की तस्वीर लगी है, जिस पर फूलों का माला लटका हुआ है।
दैनिक भास्कर डॉट कॉम से साभार
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