विवाह के बाद वर-वधु ने काशी विश्वनाथ मंदिर में जाकर आर्शीवाद भी लिया। पर क्या आप जानते हैं कि इस जोड़े की प्रेम कहानी की शुरूआत सात-समंदर पार अमेरिका में हुई थी।बात सन् 2004 की है। उस समय वरुण अमेरिका के न्यूयार्क शहर गए हुए थे। वहीं एक भारतीय कार्यक्रम में उनकी मुलाकत यामिनी से हुई। दोनों की आंखें चार हुई और एक-दूसरे के लिए दिल में जगह बन गई। दोस्ती का सिलसिला शुरू हो गया।
लंदन में वरुण के एक दोस्त के रेस्टोरेंट में डिजाइनिंग का जिम्मा संभालने गई यामिनी से वरुण की नजदीकियां और बढ़ी।लंदन में पढ़ाई कर चुके वरुण के लिए यह शहर अनजान नहीं था। उन्होंने यामिनी को पूरे लंदन की सैर कराई। इस मस्ती में दोनों एक-दूसरे के नजदीक आते गए। दोनों का साथ में लगातार डिनर करना रिश्तों की गंभीरता को बयां कर रहा था।
वरुण भारत लौट आए। 20 साल की उम्र में उनकी कविता-संग्रह प्रकाशित हुई। इस संग्रह ने यामिनी का दिल ही लिया। दोनों के रिश्ते के बारे में मां मेनका गांधी को पता चल गया। पर मां ने इसका खुलासा नहीं किया। समय के दबाव में यह रिश्ता छुपाए रखा गया। जब मां को लगा की अब समय आ गया है, इस रिश्ते के बारे में बताने का, तो उन्होंने पूरी दुनिया के सामने इसकी घोषणा कर दी। सात साल पहले शुरू हुआ प्यार आज अपनी मंजिल पर पहुंच गया है। दोनों प्रेमी सात जन्मों के लिए एक-दूजे के हो चुके हैं।
दैनिक भास्कर डॉट कॉम से साभार
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