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Saturday, July 21, 2012

मान गए उस्ताद...

भई...इसे कहते हैं राजनीति के अखाड़े का सधा हुआ खिलाड़ी। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह की 'चाल' तो देखिए...ऐसे चले कि दो बंगाली बुद्धिमान ढेर हो गए। पहले ममता के साथ मिलकर कांग्रेस को ब्लैकमेल करना चाहा, लेकिन सीबीआई से डर गए। ममता को पता ही नहीं चला, प्रणब के साथ पर्चा भरवाते हुए मिल गए। सबने खूब खरी-खोटी सुनाई।  दर्द की मारी दीदी ने तो इतना कह दिया कि देश में रीढ़ विहीन नेता बढ़ते जा रहे हैं। दुखी मन से ही सही, उन्होंने ने भी प्रणब दा को सपोर्ट कर दिया। जब वोट देने की बारी आई तो मुलायम ने 'गलती' से संगमा को वोट दे दिया।  फिर तथाकथित एहसास हुआ तो दूसरे वैलेट पेपर पर प्रणब दा को वोट दे दिया। (अब जरा बताइए किसको नहीं पता कि ऐसा वोट रद्द...

Friday, July 13, 2012

भीड़ बनी भेड़िया, शर्मसार हुई इंसानियत

'आज भी आदम की बेटी हंटरों की जद में है, हर गिलहरी के बदन पर धारियां जरूर होंगी' यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता। बचपन से अपने देश में ऐसी शिक्षा हर घर में दी जाती है। लेकिन जल्लाद हर समाज में मौजूद हैं। किसी ने सच ही कहा है, ''आज भी आदम की बेटी हंटरों की जद में है, हर गिलहरी के बदन पर धारियां जरूर होंगी।'' गुवाहाटी में एक लड़की के साथ 20 लड़कों ने जो नंगा नाच किया। इस घटना से पूरे सभ्य समाज का सिर शर्म से झुक गया। अकेली लड़की पर गिद्ध बने भीड़ रूपी भेड़ियों ने मानवता को शर्मसार कर दिया। यह कोई पहला हादसा नहीं है। आधी आबादी पर भोगी समाज की नीयत कभी भी नेक नहीं रही। अपने वर्चस्व को बरकरार रखने के लिए पुरूष समाज कभी सभ्यता, संस्कृति...
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