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Thursday, August 19, 2010

केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की योजनाएं



केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए सड़क एवं परिवहन विकास की कई योजनाएं तैयार की हैं। केन्द्रीय सड़क परिवहन राज्य मंत्री श्री आर.पी.एन. सिंह की देखरेख में इन योजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है। श्री सिंह राहुल गांधी के युथ बिग्रेड के प्रमुख चेहरे हैं। इन के कंधों पर कांग्रेस संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी भी है। मंत्रालय की आगामी योजनाओं, युवा राजनीति, महंगाई के साथ अन्य प्रमुख मुद्दों पर इनसे बात की मुकेश कुमार गजेन्द्र ने। पेश है बातचीत के मुख्य अंश।


देश में सड़कों पर 7 से 10 फीसदी की दर से यातायात बढ़ रहा है। वहीं 12 फीसदी की दर से वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है। मंत्रलाय इस चुनौती से निपटने के लिए क्या कदम उठा रहा है?
देखिए, अपने देश में 33 लाख किमी का सड़क नेटवर्क है। इन सड़कों पर करीब 65 फीसदी माल ढोया जा रहा है। और 87 फीसदी यात्री यातायात होता है। इस चुनौती से निपटने के लिए मंत्रालय नये-नये कार्यक्रम बना रहा है, जिससे की सड़के आधुनिक और मजबूत बन सके। यातायात से निपटने के लिए 2 लेन की सड़क को 4 लेन में, 4 लेन की सड़क 6 लेन में बदला जा रहा है। हमारे पास कुल सड़क नेटवर्क का 2 फीसदी हिस्सा है, फिर भी हम सड़क विस्तार और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रहें हैं। संसाधनों को बढाने के लिए निजी क्षेत्र की सेवाएं ली जा रहीं हैं। इस समय एक हजार करोड़ रु. की लागत की 20 राष्ट्रीय परियोंजनाएं निर्माण और प्रचालन के विभिन्न चरणों में हैं। 100 करोड़ से अधिक लागत वाली बड़ी और छोटी बीओटी परियोजनाओं को आदर्श रियात करार को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए क्या योजनाएं हैं?
सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में अधिकांशता राज्य स्वामित्व वाले सड़क परिवहन उपक्रम तथा स्टेज कैरिज परमिट के अधिन निजी बस परिवहन शामिल होता है। इस समय 53 राज्य सड़क परिवहन उपक्रमों के बेड़े में एक लाख 13 हजार बसें हैं। राज्य सड़क परिवहन उपक्रम प्रतिदिन लगभग 449 बिलियन यात्री किमी. चलकर 6 करोड़ से अधिक यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाते हैं। हमारे मंत्रालय की तरफ से सार्वजनिक प्रणाली को और मजबूत करने के लिए एक नई योजना शुरू की जा रही है। इसका नाम है- देश में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के लिए केन्द्रीय सहायता। इसके तहत शहरों, कस्बों में चलने वाली सेवाओं के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों जैसे कि जीपीए जीएसएम आधारित वाहन ट्रैकिंग प्रणाली, कंप्यूटरीकृत आरक्षण प्रणाली, स्वचालित भाड़ा संग्रहण प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक टिकट वेडिंग मशीन, इंटर मॉडल फेयर इंटीग्रेटशन, यात्री ,ूचना प्रणाली आदि के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी।

देश के चारों शिरों को जोडऩे वाली स्वर्णिम चतुर्भुज योजना को 2003 में और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना को 2007 तक पूरा हो जाना था। इसके पूरा ना होने के पीछे क्या कारण हैं?
स्वर्णिम चतुर्भुज योजना और राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना का काम 99 फीसदी पूरा हो चुका है। हां, मै मानता हूं कि इसमें देरी हो रही है। इसकी वजह सड़क बनाने के लिए की जा रही भूमि अधिग्रहण और बिजली के खम्भों आदि को हटाने की समस्या है। खैर, सारा मसला हल कर लिया गया है। योजना के तहत बनने वाली 4 लेन की सड़क को 6 लेन में बदल दिया गया है। जल्दी ही इस पर यातायात शुरू हो जाएगा।

4-सड़क विस्तार योजना में भूमि अधिग्रहण एक बड़ी समस्या है। इसमें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है। इस बारे में आपकी क्या राय है?
हां, कई बार इस समस्या का सामना करना पड़ता है। लेकिन मंत्रालय और अथॉरिटी लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए अधिग्रहण का काम करती है। हम नहीं चाहते कि लोगों का नुकसान हो। लोग भी विकास के लिए हमारा सहयोग करते हैं। उन्हें पता है कि सड़क देश की जीवन रेखा है। इससे ही देश का तीव्र विकास संभव है। अधिग्रहण के बाद जमीन का पर्याप्त मुआवजा दिया जाता है।

आप उत्तर प्रदेश से मंत्री हैं। यूपी के लिए कोई विशेष योजना?
उत्तर प्रदेश के लिए मैंने आठ नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। कई जगह सड़क विस्तार किया जा रहा है तो कई जगह सड़कों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है। गाजियाबाद से अलीगढ़, मुरादाबाद से बरेली, बरेली से सीतापुर, सीतापुर से लखनऊ नेशनल हाइवे को 4 लेन का किया जाएगा। वाराणसी से गोरखपुर, रायबरेली से इलाहाबाद, कानपुर से कबराई, कानपुर से अलीगढ़ और अलीगढ़ से आगरा तक 2 लेन की सड़क निर्माण किया जाना है। दिल्ली से आगरा तक 6 लेन की सड़क निर्माण किया जाना है। दिल्ली बार्डर से डासना तक की सड़क को 6 लेन कराने की योजना है ताकि ट्रैफिक से निजात मिल सके। उत्तर प्रदेश के कुछ प्रमुख शहरों में रिंग रोड बनाने की भी योजना है।

सड़क दुर्घटनाओं में हर साल एक लाख लोग मारे जाते हैं। बदहाल सड़कों और सड़क दुर्घटनाओं के लिए मंत्रालय क्या कर रहा है?
मंत्रालय सड़क दुर्घटनाओं के प्रति गंभीर है। हम इसको रोकने के लिए विशेष योजना बना रहे हैं। मंत्रालय की तरफ से सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। इस दौरान चौराहों और यातायात संकेतों की दुबारा डिजाईन किया जाता है। प्रमुख चौराहों पर यातायात के आवागमन का आकलन किया जाता है। साइिकल के लिए अलग ट्रैक और अलग पार्किंग की व्यवस्था होती है। भीड़ वाले सड़कों पर दिन के समय माल वाहनों के प्रयोग पर प्रतिबंध है। सड़कों से अतिक्रमण हटाकर के चौड़ा किया जा रहा है। समय-समय पर विज्ञापन के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जाता है।

आप यूपी में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके हैं। अभी भी संगठन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहें हैं। 2012 में होने वाले चुनाव में पार्टी की क्या रणनीति है?
2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी लगभग 22 सीट हासिल करके अच्छे पोजीसन में है। हम इसे सेमीफाईनल मान रहे हैं। फाइनल तो 2012 में होने वाले विधानसभा चुनाव ही हंै। राहुल गांधी जी के नेतृत्व में पार्टी का हर कार्यकर्ता लगन से काम कर रहा है। हर व्यक्ति को कांग्रेस से जोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। लोगों का भी कांग्रेस के प्रति तेजी से रुझान बढ़ रहा है। 2012 में यूपी में कांग्रेस का आना तय है। क्योंकि जनता भी विकास चाहती है।

राजनीति में युवाओं के आने के रास्ते लगभग बंद हो रहे हैं। युवा राजनीति को करिअर बनाना नहीं चाहता। इस पर आपकी क्या राय है? युवाओं के राजनीति में आगे लाने के लिए कांग्रेस की क्या योजना है?
राजनीति में गुंडागर्दी या मार-पीट करके आने वालों की कोई जगह नहीं है। राहुल जी पोलिटीकल टैलेटं हंट के जरिए उन युवाओं को आगे लाने की कोशिश की है, जो देश के विकास लिए कुछ कर सके। संसद में युवाओं की बढ़ रही संख्या इस बात का प्रमाण है। मैं जब संसद में जाता हूं तो ऐसा लगता है कि कॉलेज में आ गया हूं। इस बार के मंत्रीमंडल में युवाओं को जगह दी गई है। इससे पहले इतने युवा मंत्री कभी नहीं थे। राहुल जी के नेतृत्व में युवा तेजी से कांग्रेस से जुड़ रहे है। साफ-सुथरी छवि, इमानदार और कर्मठ युवाओं को कांग्रेस में जगह और जिम्मेदारी दी जा रही है।


आज महंगाई एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सरकार को विपक्ष इस मुद्दे पर घेरे हुए है। महंगाई को नियत्रंण के लिए क्या उपाय किए जाने चाहिए?
महंगाई पर संसद में भी बहस हुई है। इसके लिए सभी पार्टियों को साथ आना होगा। जहां तक तेल पदार्थों के कीमतों का प्रश्न है तो उनके दाम इंटरनेशनल मार्केट के अनुसार घटते-बढ़ते रहते हैं। सरकार उसमें क्या कर सकती है। चाहे जिस पार्टी की सरकार रही हो, सबको ऐसा ही करना पड़ता है। याद करे भाजपा की सरकार को उस समय भी महंगाई चरम पर थी। उसी के चलते दिल्ली में उनकी पार्टी दुबारा सत्ता का मुंह नहीं देख सकी। राजनीतिक द्वेष भुला कर सभी पार्टियों को इस समस्या का हल ढ़ूढऩा चाहिए। सरकार इसको नियंत्रित करने की पूरी कोशिश कर रही है।

कुछ दिन पहले अजित सिंह ने कहा था कि कांग्रेस में शामिल होने की बात चल रही है। क्या यह सही है?
मेरे पास इस बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है। यदि ऐसा हो रहा है तो वह हाईकमान स्तर पर हो रहा होगा। वैसे राजनीति में कोई स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता। राजनीतिक पार्टियों को साम्प्रदायिक ताकतों का विरोध कर धर्मनिरपेक्षता को मजबूत करना चाहिए।

राहुल गांधी के नेतृत्व में युवा राजनीति और राजनीतिज्ञों का क्या भविष्य है?
बहुत ही उज्ज्वल और सुखद भविष्य है। राहुल जी ने युवाओं को नया जोश दिया है। इसका प्रमाण संसद में देखा जा सकता है। उन्होंने आम आदमी को महत्व दिया है। गरीबों के आंसू पोछने का काम किया है। वह आम आदमी के बीच में जाते हैं, उनकी बात करते हैं। आज देश के 60 फीसदी नौजवानों को उनसे प्रेरणा मिली है। युवा राजनीति में आकर देश के विकास के लिए काम करना चाहता है। अब राजनीति जवान होने लगी है।

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